तारा घरवा मे सईया हो सासत बा
लागे हमरे से सबका हो आफत बा
डाटे नन्दी औरि ससुई सबका हम काटतानी
जातानी राजा हो कसम खातबानी
आएम ना लौट के हो हम कहतानी
ससुर भसूर सभे बोलता कुबोलि
कबले हमहु रही बन के भोली
बनके घरमे नौकरानी रोजे हम जियतानी
जातानी राजा हो कसम खातबानी
आएम ना लौट के हो हम कहतानी
सानू करण काहे बोलत ना बाड़
आशिक राज काहे खोलत ना बाड़
सोहन करण काहे बोलत ना बाड़
आशिक राज काहे खोलत ना बाड़
तहरा एहि हो रहनिया से तलाक़ चाहतानी
जातानी राजा हो कसम खातबानी
आएम ना लौट के हो हम कहतानी